Monday, April 2, 2007

दोस्ती

दोस्ती,
सच्चा दोस्त मिल जाए
तो
एक तोह्फ़ा है
वर्ना
सिर्फ़ धोखा है
और
तोह्फ़े
मंहगाई की दुनिय में
मंहगे होते हैन
सब्को नहीं मिलते
और
धोखे,
बहुत सस्ते होते हैं
बडी आसानी से मिल्ते हैं.
~सुरभि कुमारी

1 comment:

amit kalra said...

sahi kaha hain madam
keep it up