Thursday, July 5, 2007

For Kanu Di..........

जिनमें
विजन
निश्चित
कथित
घिनौने
डालियों
मकडियों
सिर
गति
कि
क्षितिज
क्षुब्ध
मथित
उत्थित
निर्झर
हिरन
कितने किरण
अज्ञात कलियाँ
किसलय

1 comment:

Kanupriya said...

thanks so much Surabhi! :)
that was really verry sweet of u!!